कलम के कई उपहार
कमीज़ की
थैली
मेखला
चादर
रेस्तरां
का बिल
तुम्हारी
लिखावट वाला
मामूली
कागज़
एक कॉपी
जिसमें
बीते
दिनों की बातें लिखी हैं
और
सिनेमा
की टिकटें
तुड़ी-मुड़ी
जिन्हें
मैं सहेज कर
ले जा रहा
हूँ
अपने साथ
एक नई
जगह
जहाँ एक
बार फिर से
बसने की
कोशिश करूँगा
और इन
पुरजों को
किसी
कोने में
छुपा
दूंगा
दिल के
कोने में और
अलमारी
के कोने में
इन कोशिशों से
शायद
याद रख पाऊंगा
वो लम्हे
वे दिन।
No comments:
Post a Comment