छोटी-छोटी मुस्कुराहटें
फ़ैल रही है अधरों के छोर पे
मंदिरों के टिमटिमाते दिए जैसे
भीनी भीनी सी खुशबू की तरह
छोटी छोटी मुस्कुराहटें
हलकी हलकी सी फुहारें
मीठी-मीठी सी तान
कुम्हलाई, अलसाई, उन्नीदी
हलकी सी शिकन
ख़ामोशी
और फिर वही
छोटी छोटी मुस्कुराहटें
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