गोधूलि
से पहले की बेला
पीछे
दूर टिमटिमाते कुछ मकान
सामने
नदी का निर्मल पानी
ऊपर
सूर्य की धूमिल होती कांति
नीचे
दामोदर के तट की रेत
और
उसके कुछ चमकते हुए कण
दिखा
रहे हैं भविष्य का आईना
और
पूछ रहे है
तुम
यहाँ क्या कर रहे हो?
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