Declaration

All the works are of a purely literary nature and are set on the fictional planet of Abracadabra. It has nothing to do with earthly affairs.

Saturday, February 21, 2015

तुम हो

सामने पड़े पेंसिल बॉक्स में
अनुभूतियों को उड़ेलती फाउंटेन पेन में
दामोदर की बहती धारा में
किनारे बिखरे रेत के कणों में
दरख़्त की लम्बी परछाइयों में
आंधी से टूटे सेमल के फूलों में
सुबह की सूनी सड़कों में
रात की खामोशियों में
वक़्त की आजमाइशों में
ज़िंदगी की नेयमतों में
मेरी कहानियों-कविताओं में
मेरे ज़हन की गहराइयों में
तुम हो
तुम हो

Sunday, February 1, 2015

अभी और उड़ने की तमन्ना है

जीवन पथ पर आगे बढ़ने की
चुनौतियों का सामना करने की
ज़िन्दगी को फ़िर से जीने की
अभी और उड़ने की तमन्ना है

लगता हो मार्ग भले ही दिशाहीन
आशाओं का सूरज अस्त होता क्षितिज पर
शक्ति भी क्षीण पड़ रही है लेकिन
अभी और उड़ने की तमन्ना है

बाधाएँ- दुविधाएँ मानस पटल को भेदती
दुर्भिसंधियाँ पारस्परिक संग्राम करती
सबको आत्मसात् न करने की पीड़ा होती लेकिन
अभी और उड़ने की तमन्ना है

आज आशा-रूपी सूरज डूब गया तो क्या
कल फिर आकाश के दूसरे छोर से उगेगा
एक हलकी सी धूप मेरे शरीर को छुएगी
और मैं फिर खो जाऊँगा परियों के देस में

इसलिए अभी और उड़ने की तमन्ना है।